Giloy plant, जड़ से पत्तों तक, इन समस्याओं में कारगर है, जानें इसे इस्तेमाल कैसे करे

Giloy plant: गिलोय की बेल पर अब हरे पत्ते आने लगे हैं। गिलोय के पौधे की गुणकारी उसकी सुंदरता से कहीं अधिक होती है। घर में गिलोय की बेल लगी है तो जानिए किन बीमारियों में इसका उपयोग होता है। गिलोय का उपयोग कैसे करना चाहिए?

आजकल, गिलोय (Tinospora Cordifolia) बहुत फल-फूल रहा है। अब आप जंगलों और झाड़ियों में पाया जाने वाला गिलोय का पौधा आसानी से देख सकेंगे। COVID-19 महामारी के दौरान लोगों ने गिलोय का काढ़ा पीया और इसके लाभों के बारे में अधिक पता चला। कई दवाओं में गिलोय वर्षों से आयुर्वेद में प्रयोग किया जाता है। गिलोय की बेल, पान के पत्तों की तरह दिखने वाली एक बेल है, जो गर्मी से लेकर बरसात तक हरी रहती है। गिलोय घर में सजाने के लिए भी लगा सकते हैं।

आयुर्वेद कहता है कि गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है, उसके सभी गुण ले लेती है। इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल अधिक लाभदायक होती है। गिलोय में ग्लूकोसाइड गिलोइन और टीनोस्पोरिन, पामेरिन और टीनोस्पोरिक एसिड होते हैं। गिलोय में मैग्नीज, कैल्शियम, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस और जिंक भी होते हैं।

Giloy plant के फायदे

आयुर्वेद में गिलोय का तना, जड़ और पत्ता गुणकारी हैं। गिलोय के तने और डंठल को बीमारियों में अधिक उपयोग किया जाता है। गिलोय में उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं।

Giloy plant किन बीमारियों में उपयोग किया जाता है?

गिलोय बुखार, डायबिटीज, पीलिया, गठिया, कब्ज, एसिडिटी, अपच और पेशाब संबंधी समस्याओं का उपचार है। गिलोय एक ऐसी दवा है जो वात, पित्त और कफ के लिए अच्छी है। गिलोय शरीर से हानिकारक और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

Giloy plant का उपयोग कैसे करें

ज्यादातर लोग गिलोय के फायदे जानते हैं, लेकिन इसका उपयोग कैसे करें पता नहीं है। गिलोय आम तौर पर तीन तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें गिलोय सत्व, जूस और चूर्ण का उपयोग किया जाता है। आप घर पर गिलोय की जड़ और पत्तों से काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।

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